Monday 11 May 2009

बुद्ध से एक प्रश्न
भंते,
आपने कहा था
मुक्ति का एक रास्ता है।
इच्छाओं के दमन से,
मिलती है मुक्ति
आवागमन से।
मैं तो एक नारी हूं।
इच्छाओं का दमन ही
सिखाया था,
माता पिता ने,
पति पुत्र ने।
क्या मुझे मुक्ति मिलेगी?
आपके उत्तर की
प्रतीक्षा रहेगी।

5 comments:

साधवी said...

युगों युगों से नारी के मन में उठता यह प्रश्न: क्या मुझको मुक्ति मिलेगी. क्या हो मार्ग इसका. सुन्दर रचना.

Himanshu Pandey said...

शाश्वत प्रश्न । पर सदैव अनुत्तरित ।

Udan Tashtari said...

पुनः एक गहन सवाल उठाती रचना..बधाई.

अनिल कान्त said...

bahut sahi prashn kiya hai

neera said...

sunder rachnaa...