Shav sankat
शव संकट
पता चला है विश्वस्त सूत्र से
कि मची हुई है हलचल
कुछ सरकारी हल्कों में, लंदन के
दो गज़ ज़मीं बची नहीं है,
कूच ए यार में ।
एक विशेषज्ञ के अनुसार।
केवल विशेष लोग ही
फैला कर पैर कब्र में
कर सकते हैं विश्राम।
किन्तु
आयोजन विशेष है।
जनता आम के लिए
एक शव की जगह में
चार शव खड़े खड़े
कर सकते हैं आराम।
यह अच्छा ही है
खड़े रहकर साथ साथ
वे कर सकते हैं संकेत
दे सकते हैं एक दूसरे को
आशा के संवाद।
बतिया सकते हैं,
धकिया सकते हैं,
मुस्का सकते हैं।
मिल जाये मौका तो
हाथ थाम कर
एक दूसरे को
दे सकते हैं अपनापन।
संकट में यही बहुत है।
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3 comments:
वाकई इस विकट संकट में तो इतना ही बहुत है!!
बहुत बड़ा संकट ..और उतना ही बड़ा समाधान...
संकट तो सचमुच भयावह है। बशीर बद्र साहब कहते हैं कि-
जिन्दगी तूने मुझे कब्र से कम दी है जमीं।
पाँव फैलाऊँ तो दीवार पे सर लगता है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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