Friday, 10 July 2009

प्यार

प्यार मुक्ति है
बंधन हीन,स्वतंत्र,
उतार केंचुली,
निरवस्त्र,बाधा नहीं,
पारदर्शी अरहस्य।
प्यार
एक समर्पण है,
अबाध आकर्षण,
मिटने में ही जीवन,
निःशब्द अबंधन।
प्यार
मीरा सी दीवानी,
तर्क नहीं केवल पूजन,
राधा बंशी की अनुगामी।
प्यार,
शक्ति है
अजेय जया सी,
अंग अंग पुलकित,
अपराजित दुर्गा सी।

Thursday, 2 July 2009

मैने एक सपना देखा था

मैने एक सपना देखा था.
एक सपना जो ख़ुद-ब-ख़ुद
अपने पैरों चल कर आया था।
मैने उसे नहीं बुलाया था।
उस सपने का न कोई
मजहब था ,
न कोई वतन था,
न कोई रूप- रंग था।
यह महज़ यादों का एक सिलसिला था।
क्षितिज

अपूर्व तुम्हारा मिलन है
तुम भरमाते
आह्लादित करते
और मन को
एक सहारा देते
कि मिलते हैं
पृथ्वी और आकाश।
तुम्हारा मिलन
एक असत्य सत्य है,
तुम्हें न दिन लिहाज
न रात का डर है
अपूर्व तुम्हारा मिलन है।