प्यार मुक्ति है
बंधन हीन,स्वतंत्र,
उतार केंचुली,
निरवस्त्र,बाधा नहीं,
पारदर्शी अरहस्य।
प्यार
एक समर्पण है,
अबाध आकर्षण,
मिटने में ही जीवन,
निःशब्द अबंधन।
प्यार
मीरा सी दीवानी,
तर्क नहीं केवल पूजन,
राधा बंशी की अनुगामी।
प्यार,
शक्ति है
अजेय जया सी,
अंग अंग पुलकित,
अपराजित दुर्गा सी।
Friday, 10 July 2009
Thursday, 2 July 2009
मैने एक सपना देखा था
मैने एक सपना देखा था.
एक सपना जो ख़ुद-ब-ख़ुद
अपने पैरों चल कर आया था।
मैने उसे नहीं बुलाया था।
उस सपने का न कोई
मजहब था ,
न कोई वतन था,
न कोई रूप- रंग था।
यह महज़ यादों का एक सिलसिला था।
एक सपना जो ख़ुद-ब-ख़ुद
अपने पैरों चल कर आया था।
मैने उसे नहीं बुलाया था।
उस सपने का न कोई
मजहब था ,
न कोई वतन था,
न कोई रूप- रंग था।
यह महज़ यादों का एक सिलसिला था।
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