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क्षितिज
मेरे मनोभावों की अभिव्यक्ति..
Saturday, 6 February 2010
कली और फूल
कली जब तक
कली रहती है
वह नारी बनी रहती है।
लेकिन फूल खिलते ही
पुरुष बन जाता है ।
होते यदि
कामता प्रसाद गुरु,
ज़िन्दा ,तो उनसे पूछती ,
कली और फूल का.
यह व्याकरण कैसा ?
----यह टेस्ट पोस्ट है-----
1 comment:
neera
said...
क्या खूब प्रश्न है!
11 February 2010 at 14:47
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उषा वर्मा
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1 comment:
क्या खूब प्रश्न है!
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